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History of 8 September; आज के दिन विश्वभर में मनाया जाता है साक्षरता दिवस, पढ़ें 8 सितंबर का इतिहास
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History 8 September: एक सभ्य घर जैसा कोई विद्यालय नहीं है और एक भद्र अभिभावक जैसा कोई अध्यापक नहीं है – महात्मा गांधी के इन सुन्दर वचनों से शुरू करते हैं आज का इतिहास… आज विश्व भर में अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है. जहां तक इसके इतिहास की बात है तो साल 1965 में यूनेस्को ने इसे विश्वभर में मनाये जाने का प्रस्ताव दिया था. इसका उद्देश्य हर व्यक्ति को शिक्षा के प्रति जागरूक करना था. 8…
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International Literacy Day 8 Sep 2023
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 📚 ◼️ प्रतिवर्ष 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। ◼️ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के व्यक्तियों, समुदायों और समाजों के लिए साक्षरता के महत्त्व और अधिक साक्षर समाजों हेतु गहन प्रयासों की आवश्यकता की याद दिलाने के लिए वर्ष 1966 में यूनेस्को द्वारा 8 सितंबर को 'अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस' के रूप में घोषित किया गया था। ◼️ पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1967 में मनाया गया था और अब य�� दिवस बीते 50 से अधिक वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है। ◼️ वर्ष 2023 के लिए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम ‘परिवर्तनशील विश्व के लिए साक्षरता को बढ़ावा देना: टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाजों की नींव का निर्माण करना’ है। ◼️ भारत में वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल 74.04 प्रतिशत साक्षर हैं, जो पिछले दशक (2001-11) से 9.2 प्रतिशत अधिक है। ◼️ यूनेस्को के अनुसार, भारत को सार्वभौमिक साक्षरता प्राप्त करने में और 50 वर्ष लगेंगे।
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International Literacy Day 2020 हिंदी में कविता का नारा: आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हम हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों मनाते हैं।
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कोरोना वैक्सीन, रिया चक्रवर्ती, कंगना रनोट और बिहार चुनाव इन दिनों चर्चा में हैं। चलिए, शुरू करते हैं आज की मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
आज इन 3 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1. आज एपल एक नए आईपैड और एपल वॉच सीरीज 6 की घोषणा कर सकती है। पहले 7 सितंबर को ऐसा होने का दावा किया गया था। iphone 12 की लॉन्चिंग होगी या नहीं, इस पर सस्पेंस है।
2. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने रिया चक्रवर्ती को आज लगातार तीसरे दिन पूछताछ के लिए बुलाया है। सोमवार को रिया से 8 घंटे पूछताछ हुई थी।
3. अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर मंगलवार से नींव की खुदाई का काम शुरू होगा। ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र इसके लिए अयोध्या पहुंचे हैं।
अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें
1. कंगना को Y कैटेगरी की सुरक्षा
कंगना और शिवसेना के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। कंगना मुंबई नहीं पहुंची हैं, मगर बीएमसी ने उनके दफ्तर पर छापा मार दिया है। कंस्ट्रक्शन की जांच की जा रही है। इस बीच, केंद्र सरकार ने कंगना को Y कैटेगरी की सुरक्षा देने की घोषणा कर दी। -पढ़ें पूरी खबर
2. चीन में बने वैक्सीन की पहली तस्वीर
कोरोना वैक्सीन से जुड़ी जरूरी खबर। सोमवार को चीनी वैक्सीन की पहली झलक बीजिंग ट्रेड फेयर में दिखाई दी। इस दौरान दो वैक्सीन पेश की गईं। पहली वैक्सीन ‘कोरोनावेक' है, जिसे चीनी कंपनी सिनोवेक बायोटेक ने तैयार किया है। दूसरी वैक्सीन सिनोफार्म कंपनी ने बनाई है। -पढ़ें पूरी खबर
3. भारत को भी मिल सकती है रूसी वैक्सीन
भारत की नजर रूसी वैक्सीन पर है, क्योंकि रूस और चीन ने फेज-3 ट्रायल्स के नतीजे आने से पहले ही अपने-अपने वैक्सीन को इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। हो सकता है कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन की ही तरह गामालेया के वैक्सीन का भी भारत में ट्रायल हो। -पढ़ें पूरी खबर
4. पबजी एक गेम नहीं, एक बीमारी था
हां, ठीक पढ़ा आपने। ऐसे कई मामले हैं, जो साबित करते हैं कि पबजी एक गेम नहीं, बल्कि एक बीमारी था। पबजी के कारण किसी ने पिता का सिर काट दिया तो किसी ने पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया। पबजी खेलने वालों में हर 4 में से एक भारतीय है। -पढ़ें पूरी खबर
5. अब भारत में ही बनेंगी हाइपरसोनिक मिसाइल
भारत हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन चुका है। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन भी यह टेक्नोलॉजी तैयार कर चुके हैं। भारत के लिए इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है। पांच साल के भीतर देश में ही हाइपरसोनिक मिसाइलें बनने लगेंगी। -पढ़ें पूरी खबर
6. जीडीपी गिर रही, विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के आखिरी हफ्ते में 39.77 लाख करोड़ रुपए था। एक हफ्ते में इसमें 28 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हो गई। आर्थिक मंदी के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण भारतीय शेयर बाजारों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ना है। -पढ़ें पूरी खबर
7. नीतीश की रैली में ऐश्वर्या का जिक्र
बिहार में सरकार चला रही जदयू का चुनाव प्रचार सीएम नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली के साथ शुरू हो गया। नीतीश ने लालू और उनके परिवार पर निशाना साधा। कहा- ‘लालू परिवार में एक पढ़ी-लिखी लड़की ऐश्वर्या राय के साथ क्या हुआ?’ ऐश्वर्या की शादी लालू के बेटे तेजप्रताप से हुई थी। -पढ़ें पूरी खबर
अब 8 सितंबर का इतिहास
1933: गायिका आशा भोसले का जन्म हुआ।
1966: संयुक्त राष्ट्र के शिक्षा और सांस्कृतिक विभाग यूनेस्को ने पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया।
1966: अमेरिका में पहली बार स्टार ट्रैक प्रसारित हुआ था।
2006: महाराष्ट्र के मालेगांव में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इसमें करीब 37 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
गायक भूपेन हजारिका का 1926 में आज ही के दिन जन्म हुआ था। 2019 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया। गंगा बहती हो क्यूं...उनके सबसे चर्चित गीतों में से एक रहा।
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Today Apple can launch new products, Riya will be questioned by the Narcotics Bureau for the third consecutive day; Kangana on political power
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international literacy day : Know what is India's literacy rate
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस: जाने क्या है भारत की साक्षरता दर
दुनिया से अशिक्षा को समाप्त करने के संकल्प के साथ आज 52वां 'अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस' मनाया जा रहा है। इसे 8 सितंबर को यूनेस्को द्वारा अपने 14 वें सामान्य सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में घोषित किया गया था, जो 26 अक्टूबर, 1966 को आयोजित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा तेहरान में आयोजित निरक्षरता पर शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन में विचार अपनाने के एक साल बाद। 2015 में, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस को 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अपनाया गया था। 2019 के लिए, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का विषय 'साक्षरता और बहुभाषावाद' है। इस अवसर पर यूनेस्को के पेरिस मुख्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जहां यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।
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विश्व साक्षरता दिवस : भारत में 3.5 करोड़ बच्चे नहीं जा पाते स्कूल, इतना पढ़ा-लिखा है हमारा देश
चैतन्य भारत न्यूज शिक्षा व्यक्ति के जीवन का सबसे आवश्यक अंग है। दुनियाभर के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 8 सितंबर को 'अंतरराष्ट्रीय/ विश्व साक्षरता दिवस' मनाया जाता है। साल 1966 में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया था। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); क्या है उद्देश्य इस दिवस का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को शिक्षा प्राप्त करने के लिए उत्साहित करना है। यह दिन सभी के लिए अहम है, क्योंकि हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्त्व है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में पुरुषों की तुलना में महिला साक्षरता कम है। भारत में साक्षरता दर रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की वयस्क साक्षरता दर 74-75 प्रतिशत है। यह दुनिया भर में औसत 86 प्रतिशत से नीचे है। वहीं साल 2015 की बात करें तो उस वक्त भारत की साक्षरता दर 71.96 प्रतिशत थी। सर्ड्स इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में शहरी जगहों पर अभी भी 35 मिलियन यानी करीब 3.5 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल नहीं जाते हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार, 14 साल की उम्र तक के बच्चों को स्कूल जाना अनिवार्य है। ज्यादातर बच्चों के स्कूल न जाने के पीछे की वजह अतिरिक्त फीस माना गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 80 से 90 मिलियन बच्चे अपनी फीस का भुगतान करने के लिए बाहरी वित्तीय सहायता जैसे लोन और स्कॉलरशिप पर निर्भर हैं। Read the full article
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अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस: न सिर्फ महिलाएं बल्कि पुरुषों का भी होता है शोषण, देखें क्या कहते हैं आंकड़े
चैतन्य भारत न्यूज हर साल 19 नवंबर को 'अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस' (International Men's Day) मनाया जाता है। इस दिन पुरुषों की उपलब्धियों को लेकर सराहा जाता है, साथ ही समाज, परिवार, विवाह और बच्चों की देखभाल में पुरुषों के सहयोग पर भी चर्चा होती है। बता दें 80 देशों में 19 नवंबर को 'अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस' मनाया जाता है और इसे युनेस्को का भी सहयोग प्राप्त है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); पुरुष दिवस की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस, 19 नवंबर को मनाया जाने वाला एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत 7 फरवरी 1992 को थॉमस ओस्टर द्वारा की गई थी। अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की परियोजना की कल्पना इसकी शुरुआत होने से एक साल पहले यानी 8 फरवरी 1991 को की गई थी। इसके बाद 1999 में इस परियोजना को त्रिनिदाद और टोबैगो में फिर से शुरू किया गया और इसका सारा क्रेडिट डॉ. जीरोम तिलकसिंह को जाता है। दरअसल, जीरोम तिलकसिंह ने ही इस दिन को मनाने की पहल की और इसके लिए 19 नवंबर का दिन निर्धरित किया। उनके इस प्रयास के बाद से ही प्रति वर्ष 19 नवंबर को दुनिया भर के 60 देशों में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को भी उनकी इस कोशिश की सराहना कर चुकी है। भारत में पहली दफा 2007 में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया। इसे पुरुषों के अधिकार के लिए आवाज उठाने वाली संस्था ‘सेव इंडियन फैमिली’ ने पहली बार मनाया था। पुरुष भी होते हैं असमानता का शिकार यह दिवस पुरुषों को पक्षपात, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए भी मनाया जाता है। दरअसल महिलाओं के जैसे ही कई बार पुरुष भी असमानता के शिकार होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में होने वाली कुल आत्महत्याओं में 76 प्रतिशत पुरुष होते हैं। पूरे विश्व में 85 फीसदी बेघर पुरुष हैं। यहां तक कि घरेलू हिंसा के शिकार लोगों में 40 फीसदी तादाद पुरुषों की है।ऐसे में महिला और पुरुष को समानता के पैमाने पर रखना है तो महिला दिवस के साथ-साथ पुरुष दिवस भी मनाना आवश्यक है। हालांकि पुरुष दिवस को लेकर समाज के बीच अभी भी उतनी जागरूकता नहीं है लेकिन सोशल मीडिया के जमाने में पुरूष दिवस ने भी अपनी अलग पहचान बनानी शुरू कर दी है। ये भी पढ़े... विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस: बुजुर्ग बोझ नहीं हैं, उन्हें हंसने-मुस्कुराने दीजिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसः भोपाल-बिलासपुर एक्सप्रेस में महिला स्टॉफ ने संभाली कमान विश्व साक्षरता दिवस : भारत में 3.5 करोड़ बच्चे नहीं जा पाते स्कूल, इतना पढ़ा-लिखा है हमारा देश Read the full article
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विश्व साक्षरता दिवस : भारत में 3.5 करोड़ बच्चे नहीं जा पाते स्कूल, इतना पढ़ा-लिखा है हमारा देश
चैतन्य भारत न्यूज शिक्षा व्यक्ति के जीवन का सबसे आवश्यक अंग है। दुनियाभर के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 8 सितंबर को 'अंतरराष्ट्रीय/ विश्व साक्षरता दिवस' मनाया जाता है। साल 1966 में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया था। क्या है उद्देश्य इस दिवस का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को शिक्षा प्राप्त करने के लिए उत्साहित करना है। यह दिन सभी के लिए अहम है, क्योंकि हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्त्व है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में पुरुषों की तुलना में महिला साक्षरता कम है। भारत में साक्षरता दर रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की वयस्क साक्षरता दर 74-75 प्रतिशत है। यह दुनिया भर में औसत 86 प्रतिशत से नीचे है। वहीं साल 2015 की बात करें तो उस वक्त भारत की साक्षरता दर 71.96 प्रतिशत थी। सर्ड्स इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में शहरी जगहों पर अभी भी 35 मिलियन यानी करीब 3.5 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल नहीं जाते हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार, 14 साल की उम्र तक के बच्चों को स्कूल जाना अनिवार्य है। ज्यादातर बच्चों के स्कूल न जाने के पीछे की वजह अतिरिक्त फीस माना गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 80 से 90 मिलियन बच्चे अपनी फीस का भुगतान करने के लिए बाहरी वित्तीय सहायता जैसे लोन और स्कॉलरशिप पर निर्भर हैं। Read the full article
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